Divya Deshmukh

जानिए कौन है दिव्या देशमुख
इनका जन्म 9 दिसंबर 2005 को नागपुर महाराष्ट्र में हुआ था। पिता डॉक्टर जितेंद्र देशमुख गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज गोदिया में प्रोफेसर तथा माँ डॉक्टर नम्रता देशमुख Gynecologist हैं।

शतरंज का इतिहास बहुत पुराना है इनके परिवार में ,पिता को बचपन में शतरंज का शौक था , जरुरी जानना ये है की इनके नाना जी विनोवा भावे जी के साथ शतरंज खेला करते थे। दिव्या की बड़ी बहन आर्या देशमुख जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल से लॉ की पढाई कर रही हैं।

बचपन में बड़ी बहन बैडमिंटन खेलती थी और वहीँ बिल्डिंग में नीचे शतरंज की कक्षा चल रही थी ,वहीँ से दिव्या का परिचय शतरंज से हुआ।


पढाई के साथ साथ खेल भी जारी


स्कूलिंग नागपुर में ही भगवनदास पुरोहित विद्या मंदिर से पूरी हुई। वर्तमान में दिव्या स्पोर्ट्स Psychology परफॉरमेंस साइंस तथा डाटा एनालिटिक्स इन चैस की पढाई कर रही हैं।

शुरुआती प्रशिक्षण और प्रेरणा
आर बी रमेश की चैस गुरुकुल चेन्नई में ट्रेनिंग ली और विश्वनाथन आनंद की अकादमी में भी ट्रेनिंग ली।
दिव्या की चेस की तैयारी अच्छी हो सके इसके लिए इनकी माँ ने अपने प्राइवेट क्लिनिक छोड़ दिया।
पहली बड़ी जीत
U-10 वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप ( डर्बन, साउथ अफ्रीका 2014 ) तथा अंडर-12 वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप ( ब्राज़ील ) का ख़िताब अपने नाम किया।


🌟 दिव्या देशमुख के कुछ खास तथ्य (Lesser-Known Yet Important Facts)

सबसे युवा महिला ग्रैंडमास्टरों में एक

2025 में जब उन्होंने FIDE Women’s World Cup जीता, उस समय उनकी उम्र सिर्फ 19 साल थी।

वह भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनीं (हंपी, हरिका और वैशाली के बाद)।


दिमाग और भावनाओं पर ज़ोर

दिव्या सिर्फ चालें नहीं खेलतीं, बल्कि अपने प्रतिद्वंद्वी के मानसिक संतुलन और दबाव को भी पढ़ती हैं।

वह खेल से पहले स्पोर्ट्स साइकोलॉजी और ध्यान का अभ्यास करती हैं।


भारत की सबसे तेज़ी से उभरती महिला खिलाड़ी

उन्होंने बहुत कम उम्र में वर्ल्ड यूथ, एशियन यूथ और वर्ल्ड कैडेट जैसे प्रतियोगिताएं जीत लीं।

साल 2023 में वह एशियन वीमेंस चैंपियन बनीं।


2024 शतरंज ओलंपियाड में भारत को गोल्ड दिलाने में अहम भूमिका

ओलंपियाड में इंडिया A टीम का हिस्सा थीं और उन्होंने व्यक्तिगत गोल्ड मेडल भी जीता।


विश्व रैंकिंग में लगातार उछाल

उन्होंने Hou Yifan (पूर्व वर्ल्ड नंबर 1) को हराया।

2025 के मध्य तक उनकी FIDE रेटिंग 2500 के करीब पहुँच चुकी थी — जो किसी भी महिला खिलाड़ी के लिए एक बड़ा मील का पत्थर होता है।


सोशल मीडिया और युवा जुड़ाव

दिव्या देशमुख युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

वे Instagram और X (Twitter) जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर काफी एक्टिव रहती हैं, जहाँ वे अपनी जीत, तैयारी और जीवनशैली से जुड़ी बातें साझा करती हैं।


कभी हार नहीं मानने वाली खिलाड़ी

2022 में उन्होंने कई प्रतियोगिताएं हारी थीं, लेकिन निराश नहीं हुईं।

उन्होंने 2023 में वापसी की और लगातार 3 प्रमुख खिताब जीत लिए:
▪ एशियन चैंपियनशिप
▪ वर्ल्ड अंडर‑20
▪ वर्ल्ड कप 2025


‘फिनिशर’ की छवि

दिव्या को “MS Dhoni of Chess” कहा जाता है क्योंकि वे अंतिम पलों में अक्सर जीत छीन लेती हैं।

उनकी मानसिक मजबूती और “कमबैक” करने की आदत उन्हें खास बनाती है।


उनका आदर्श

दिव्या विश्वनाथन आनंद को अपना आदर्श मानती हैं।

उन्होंने आनंद अकादमी से प्रशिक्षण लिया है और उन्हें “Idol & Mentor” दोनों कहा है।


भविष्य का सपना

दिव्या का अगला लक्ष्य है विश्व महिला चैंपियन बनना।

उन्होंने 2026 Women’s Candidates Tournament के लिए क्वालिफाई कर लिया है — जो वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए अंतिम पड़ाव होता है।


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